Anam

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कबीर दास जी के दोहे



केसों कहा बिगड़िया, मुंडे सौ बार
मन को काहे न मूंडिये, जा में विशे विकार

अर्थ :

जो लोग धार्मिक कारणों से बार-बार मुंडन करते हैं, कबीरदास जी उनसे पूछतें हैं कि बालों को किस बात की सजा दे रहे हो जो उन्हें निरंतर मुंडाते रहते हो? इसकी जगह अपने मन को साफ करो जिसमें बुराईयाँ भरी हुई हैं। अर्थात अपने विचारों पर ध्यान दो, केवल अनुष्ठानों और क्रियायों पर नहीं।

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